सर्दियों में क्यों होती है हाथ-पैर पर सूजन और जलन की समस्या? आइये जानते हैं इसके कारण – Prayas Uttarakhand

सर्दियों में तापमान गिरते ही कई लोगों की उंगलियों में सूजन, लाल धब्बे, जलन और तेज खुजली जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। खासतौर पर ठंड में काम करने वाली महिलाओं में यह दिक्कत अधिक देखी जाती है। मेडिकल साइंस में इस स्थिति को ‘चिलब्लेन्स’ कहा जाता है, जो ठंड और गर्मी के अचानक बदलाव पर शरीर की असामान्य प्रतिक्रिया के कारण पैदा होती है।

सर्द मौसम में जब उंगलियां ठंड के लंबे संपर्क में रहती हैं और फिर अचानक गर्म वातावरण में आती हैं, तो त्वचा के नीचे मौजूद सूक्ष्म रक्त वाहिकाएं तेजी से फैल जाती हैं। वहीं ठंड में ये वाहिकाएं सिकुड़ चुकी होती हैं। यह अचानक फैलाव उन्हें नुकसान पहुंचाता है और तरल पदार्थ बाहर निकलकर आसपास के ऊतकों में जमा हो जाता है। इसी वजह से उंगलियों में जलन, सूजन या लालिमा दिखाई देती है—इसे ही चिलब्लेन्स कहा जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार जिन लोगों में रक्त परिसंचरण पहले से धीमा रहता है, उनमें यह समस्या अधिक पाई जाती है। यह कोई संक्रमण या एलर्जी नहीं, बल्कि तापमान परिवर्तन से होने वाली संवहनी प्रतिक्रिया है।

महिलाओं में क्यों अधिक होती है समस्या?

घर की महिलाओं को ठंड में लगातार पानी के संपर्क में रहना पड़ता है, खासकर बर्तन धोने या घर के कामों के दौरान। नम उंगलियां ठंड को तेजी से पकड़ती हैं, जिससे रक्त वाहिकाएं जल्दी सिकुड़ती हैं और बाद में शिकायत बढ़ जाती है।
सर्दियों में तंग जूते या नम दस्ताने पहनने से भी रक्त प्रवाह रुकता है और चिलब्लेन्स के लक्षण उभर सकते हैं।

चिलब्लेन्स में क्या होता है – सरल समझ

ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं

अचानक गर्मी मिलने पर वे तेजी से फैलती हैं

इस तेजी से फैलाव के कारण वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं

तरल पदार्थ आसपास की त्वचा में जमा होकर सूजन और लालिमा पैदा करता है

बचाव का सबसे आसान उपाय

ठंड से आने के बाद हाथ-पैर को अचानक गर्म न करें।
हीटर, गीजर या गर्म पानी की बाल्टी में तुरंत हाथ डालने की गलती न करें।
इसके बजाय:

पहले हाथ-पैर को सूखे कपड़े से हल्के से पोंछें

सरसों के तेल या किसी हल्के तेल से धीमी मालिश करें

शरीर को धीरे-धीरे सामान्य तापमान पर आने दें

जरूरी सावधानियाँ (सर्दियों में बिल्कुल ध्यान रखें)

बाहर जाते समय दस्ताने और गर्म, आरामदायक फुटवियर पहनें

हाथ-पैर को देर तक पानी के संपर्क में न रखें

रोजाना हल्की मालिश कर रक्त संचार बेहतर बनाए रखें

हल्के व्यायाम से भी रक्त प्रवाह मजबूत होता है

नोट:

यह लेख विभिन्न मेडिकल अध्ययन और विशेषज्ञ रिपोर्टों से संकलित जानकारी पर आधारित है।

(साभार)

News Aajtakonline

sachin verma 10 gandhi road darshanlal chowk dehradun mbile no 9897944589