पौड़ी में विजय दिवस पर मार्च पास्ट, शहीदों को श्रद्धांजलि और देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन
वीर सैनिकों एवं वीरांगनाओं का सम्मान सर्वोपरि: विधायक
पौड़ी – भारत– पाकिस्तान युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय की स्मृति में जनपद में विजय दिवस हर्षोल्लास एवं गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने एनसीसी कैडेट्स के नेतृत्व में एजेंसी चौक से कलेक्ट्रेट परिसर तक मार्च पास्ट निकाला। मार्च पास्ट को स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने एजेंसी चौक पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके उपरांत विधायक एवं अन्य अधिकारियों द्वारा शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर देश के वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस दौरान पुलिस बल द्वारा शहीदों के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
इसके उपरांत प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी व मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों ने पूरे सभागार को देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत कर दिया। इस अवसर पर वीर सैनिकों एवं शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक राजकुमार पोरी ने कहा कि जब देश का जांबाज़ सिपाही सीमाओं पर दिन-रात देश की रक्षा करता है, तभी हम देश के भीतर सुरक्षित वातावरण में खुली हवा में सांस ले पाते हैं। उन्होंने कहा कि देश सर्वोपरि है और हर नागरिक अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य कर देश की सेवा कर सकता है। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में पौड़ी जनपद के 33 वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिसे हम कभी भुला नहीं सकते। उन्होंने युवाओं से देशभक्ति, अनुशासन और सेवा-भाव को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने का आह्वान किया।

मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा कि 1971 का भारत–पाकिस्तान युद्ध भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और रणनीतिक कौशल का प्रतीक है, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। उन्होंने युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विजय केवल सैन्य जीत नहीं, बल्कि मानवता और न्याय की जीत थी। उन्होंने इस अवसर पर समस्त जनपदवासियों को विजय दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमें अपने वीर सैनिकों के बलिदान से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।

1971 के युद्ध में सम्मिलित रहे एवं प्रत्यक्षदर्शी सेवानिवृत्त कैप्टन सत्य प्रकाश धस्माणा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह युद्ध भारतीय सेना के साहस, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों का आत्मसमर्पण भारतीय सैन्य इतिहास की एक अभूतपूर्व और विश्व में अद्वितीय घटना है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सुयोग्य नागरिक, सक्षम अधिकारी और जिम्मेदार नेतृत्वकर्ता बनकर देश की सेवा करें तथा राष्ट्रहित को सदैव सर्वोपरि रखें।
मुख्य विकास अधिकारी
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं में पीएम श्री राइका पौड़ी की छात्रा ऐश्वर्या नौटियाल (प्रथम), राइका मैसमौर की छात्रा आंचल (द्वितीय), डीएवी इंटर कॉलेज पौड़ी की छात्रा मरियम (तृतीय) को सम्मानित किया गया। वहीं चित्रकला प्रतियोगिता में राइका पैडुल की प्राची (प्रथम), राइका क्यार्क के लोकेन्द्र शाह (द्वितीय) तथा पीएम श्री राइका पौड़ी की छात्रा कविता (तृतीय) को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
विधायक राजकुमार पोरी
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी सत्यपाल सिंह रावत, सेवानिवृत्त नायब सुबेदार श्रीचंद सिंह रावत, सेवानिवृत्त हवलदार बीरेन्द्र सिंह, सेवानिवृत्त ऑनरेरी कैप्टन मातबर सिंह नेगी, सेवानिवृत्त सुबेदार भाकचंद सिंह रावत, शहीद सैनिकों की वीरांगनाएं सुशीला देवी, विमला देवी, लीला देवी सहित अन्य सेवानिवृत्त सैनिक, स्कूली छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित रहा।
