राज्यपाल के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ विधानसभा का बजट सत्र,उत्तराखंड के निर्माण पर दिया जोर

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। उन्होंने सशक्त और विकसित उत्तराखंड के निर्माण पर जोर दिया। समान नागरिक संहिता राष्ट्रीय खेलों के आयोजन और अन्य उपलब्धियों का उल्लेख किया। विपक्ष ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर नारेबाजी की। राज्यपाल ने कहा कि राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष कांग्रेस ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर दौरान पीठ के सम्मुख आकर नारेबाजी की। राज्यपाल ने आधा अभिभाषण विपक्ष के शोरगुल के बीच ही पढ़ा। बाद में कांग्रेस के सभी विधायक सदन से बहिर्गमन कर गए। दोपहर तीन बजे सदन में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन किया। साथ ही कार्यमंत्रणा समिति द्वारा तय किए गए एजेंडे को सदन में रखा।
राज्यपाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इसके फलस्वरूप राज्य सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्य और प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति व पूर्व सैनिकों की भागीदारी से उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है। पिछला वर्ष आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थापना संरचना की दृष्टि से स्वर्णिम रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। इसमें मातृशक्ति के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं। तीन नए कानून राज्य में लागू किए गए हैं। हड़ताल, बंद, दंगा व विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति के दृष्टिगत कड़ा कानून लागू किया गया है।
राज्य में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक हुए राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की खेल नीति के फलस्वरूप इन खेलों में उत्तराखंड के खिलाडिय़ों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने को कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2000-2001 में प्रति व्यक्ति आय 16,232 रुपये थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 2,46178 रुपये हो गई है। यह निरंतर प्रगति को दर्शाता है। राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आई है। पारदर्शी व नकल विहीन परीक्षाओं से प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवाओं में अवसर मिल रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति में राज्य देश में अव्वल है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा की तर्ज पर प्रत्येक परिवार का पहचान पत्र बनाने के दृष्टिगत राज्य में भी योजना बनाई जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडियों को जड़ों से जोडऩे के लिए सरकार के प्रयासों से प्रवासियों ने गांवों को गोद लेने का संकल्प लिया है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के विकास और आजीविका विकास को अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटन को नया आयाम देने को शीतकालीन यात्रा शुरू की गई है।

उन्होंने उद्योग, कौशल विकास, पर्यटन, परिवहन, हवाई सेवा, सड़क, आपदा प्रबंधन, राजस्व, आवास, पार्किंग, ग्राम्य विकास, स्वच्छ भारत मिशन, विद्युत दरों में सब्सिडी, जल जीवन मिशन, सिंचाई, नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कारिडोर, खाद्य, पशुपालन, पंचायतीराज, सहकारिता समेत तमाम क्षेत्रों में हासिल उपलब्धियों व योजनाओं का उल्लेख किया।
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