कई इलाकों में AQI अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली धुंध की चपेट में है। सप्ताहांत पर प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार के बावजूद हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि आनंद विहार और आईटीओ जैसे इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘बहुत खराब’ श्रेणी के पार पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार कई जगहों पर धुंध की मोटी परत दिनभर छाई रही।
24 दिन बाद हवा में हल्की राहत, फिर भी हालात गंभीर
लगातार 24 दिनों तक एक्यूआई 350+ के बीच रहने के बाद दिल्ली की हवा कुछ हद तक सुधरी। औसत एक्यूआई गिरकर 279 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है लेकिन गंभीर स्थिति से थोड़ी राहत देता है। एनसीआर में भी यही रुझान दिखा—नोएडा का एक्यूआई 279, ग्रेटर नोएडा 268, गाजियाबाद 256 और गुरुग्राम 245 रहा। वहीं फरीदाबाद अपेक्षाकृत कम प्रदूषण के साथ 176 एक्यूआई पर दर्ज किया गया।
प्रदूषण के प्रमुख स्रोत क्या रहे?
दिल्ली की डिसीजन सपोर्ट सिस्टम रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में हवा को खराब करने में सबसे बड़ा योगदान वाहनों का रहा।
वाहन उत्सर्जन: 18.614%
पराली प्रदूषण: 0.967%
निर्माण गतिविधियाँ: 2.805%
पेरिफेरल उद्योग: 3.679%
आवासीय इलाकों से प्रदूषण: 4.574%
रविवार को उत्तर-पश्चिम दिशा से लगभग 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1000 मीटर रही, जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स 7000 m²/s दर्ज किया गया—जो प्रदूषण फैलाव की क्षमता को दर्शाता है।
दोपहर 4 बजे पीएम10 का स्तर 224.7 µg/m³ और पीएम2.5 का स्तर 119.1 µg/m³ दर्ज किया गया, जो सुरक्षित मानकों से कहीं ज्यादा है।
अगले 24 घंटे मुश्किल, प्रदूषण और बढ़ सकता है
सीपीसीबी के पूर्वानुमान के अनुसार, हवा की गुणवत्ता फिर से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इससे
सांस के मरीजों,
एलर्जी पीड़ितों,
बुजुर्गों और बच्चों को
अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों को अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से बचने, मास्क पहनने और एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करने की सलाह दी है।
