मानसून सत्र में पेश होगा यूसीसी संशोधन विधेयक-2025, विवाह पंजीकरण की समयसीमा बढ़ी – Prayas Uttarakhand

26 मार्च 2020 के बाद हुए विवाह पंजीकरण की समयसीमा छह माह से बढ़ाकर एक साल

देहरादून। राज्य सरकार मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता (संशोधन) विधेयक-2025 विधानसभा में लाने जा रही है। इस विधेयक के माध्यम से विवाह पंजीकरण की अनिवार्य समयसीमा को बढ़ाकर एक वर्ष कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि सरकार ने जुलाई माह में अध्यादेश जारी कर यह प्रावधान पहले ही लागू कर दिया था। अब इस अध्यादेश को कानून का रूप देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

कैबिनेट ने संशोधन विधेयक को विधानसभा पटल पर रखने की मंजूरी दे दी है। नए प्रावधान के तहत 26 मार्च 2020 से अधिनियम लागू होने के बाद पंजीकृत विवाहों की समयसीमा छह माह से बढ़ाकर एक साल कर दी गई है। तय अवधि के बाद पंजीकरण न कराने पर दंड और जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही सब-रजिस्ट्रार के समक्ष अपील, शुल्क निर्धारण और संबंधित प्रक्रियाओं को स्पष्ट किया गया है।

संशोधित विधेयक में समान नागरिक संहिता समिति की सिफारिशों को शामिल कर कई व्यावहारिक दिक्कतों का समाधान किया गया है। इसके तहत दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) का उल्लेख होगा। साथ ही, जहां-जहां ‘शुल्क’ शब्द लिखा गया था, उसे सुधारकर ‘पेनल्टी’ लिखा जाएगा ताकि कानूनी प्रावधान और स्पष्ट हो सकें।

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